Tuesday 17 January 2012

"जब गोमा टीला से गोविंद देव जी का प्राकट्य हो गया"


श्री रूप गोस्वामी सेवा कुञ्ज के अंतर्गत श्रीराधादामोदर मंदिर के पीछे छोटी सी भजनकुटी में साधन भजन करते थे .वे श्री चैतन्य महाप्रभु के आदेश से शास्त्र-प्रमाण अनुसार लुप्त तीर्थों को प्रकट करना चाहते थे .रूप गोस्वामी प्रतिदिन पञ्चकोसी वृन्दावन की परिक्रमा भी करते थे और ब्रज के वनों, उपवनों और ग्रामों में घूम-घूम कर योगपीठ को ढूंढा करते. SeeMore

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