Monday 26 December 2011

चांदी की अंगीठी से प्रभु को शीत से बचाया जाता है"

                                                                           
प्रात:काल मंगला आरती से पहले ठाकुर जी को ऊनी, मखमली कपडे से तैयार फरगुलऔर रजाई धारण कराई गई है. "चांदी की अंगीठी में चंदन की लकडी जला कर उन्हें तपाया भी जाता है.श्रद्धालुओं की भावना है कि उनके ठाकुरजीकडकडाती ठंड में शीत से ग्रस्त न हों"
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श्री राधा जी ने सखियों के चित्र क्यों बनवाये ?"

                                                                                                                
श्यामा श्याम जी की बड़ी दिव्य लीलाएँ है निकुंज की,एक दिन का प्रसंग है, निकुञ्ज के एकान्त कक्ष में श्रीप्रियाजी मखमली सिंहासन पर अकेली बैठी हैं. उन्होंने धीरे से पुकारा- चित्रा ! अपना नाम सुनते ही श्रीचित्रा उपस्थित हो गयी. नयनों की भाषा में चित्रा पूछ रही थी - कि क्या आदेश है
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